दिमाग की नसों में एंजियोडिस्टोनिया के लक्षण
यदि आपको सर दर्द रहता है, कान में बिना कारण आवाजें
गूंजती हैं और हाथ-पैर सुन्न पड़ जाते हैं तो आपको क्या करना चाहिए।
दिमाग की नसों में एंजियोडिस्टोनिया एक ऐसी बीमारी है जिसमें
दिमाग के ऊपर की नसों में खून और सामान्य रक्त प्रवाह में विकार आ जाते हैं तो इस लेख
में आप इसके कारण, इसके होने के तरीके और लक्षणों के बारे में पढ़ सकते हैं और यह जान
सकते हैं कि किस अवस्था में तुरंत डॉक्टर को दिखाना जरूरी होता है। आप इस खतरनाक बीमारी
के जानलेवा दुष्प्रभावों और इसके ऐसे आधुनिक इलाज के बारे में भी पढ़ सकते हैं जो हर
किसी की पहुंच में है।
दिमाग की नसों में एंजियोडिस्टोनिया पूरे शरीर के कार्यकलाप पर
दुष्प्रभाव डालता है। दिमाग में रक्त का प्रवाह अपर्याप्त होने से पूरे शरीर पर प्रभाव
पड़ता है, कमजोरी आने लगती हैं और शरीर की महत्वपूर्ण प्रणालियां निष्क्रिय होने लगती
हैं।
डीस्टोनिया वासेलर के प्रारंभिक लक्षण ये होते है:
- बिना कारण कान में आवाज आना;
- सामान्य रूप से हमेशा कमजोरी महसूस होना;
- आलस आना;
- उनींदापन;
- काम करने की क्षमता में कमी;
- नींद में गड़बड़ी;
- मेमोरी कमजोर हो जाना;
- हाथ-पैर सुन्न हो जाना;
- हाथ और पैरों में सूजन;
- आँखों मे अंधेरा छा जाने जैसा एहसास;
- नज़र कमजोर हो जाना;
- शरीर मे हार्मोनल असंतुलन हो जाना;
दिमाग की नसों में एंजियोडिस्टोनिया खून की धमनियों में कोलेस्ट्रॉल के प्रदूषण का एक प्रारंभिक लक्षण हैं , इसे एथेरोसिलेरोसिस भी कहते हैं। शरीर में रक्त की धमनियाँ बहुत नाजुक और पतली होती हैं इसलिए सबसे पहले इन्हीं पर प्रभाव पड़ता है।
दिमाग की नसों में रक्त प्रवाह ठीक करने का इलाज पूरे शरीर की रक्त
धमनियों से जमा हो चुके प्रदूषण को साफ करने पर आधारित होता है। यह प्रदूषण कोलेस्ट्रोल
की पपड़ी, खून के थक्के और हाई कैलशियम लाइम हो सकते हैं।
घर पर ही धमनियों को कैसे साफ करें
रक्त का प्रवाह वापस ठीक करना और धमनियों की सफाई एक जटिल प्रक्रिया है।
इसमें शरीर की सभी रक्त धमनियों पर ध्यान दिया जाता है और जीवन की गुणवत्ता बहुत अच्छी
हो जाती है।
इस विस्तृत इंटरव्यू में जानें कि आप अपने रक्त की धमनियों को कैसे साफ कर
सकते हैं, सैकड़ों तरह की लंबी बीमारियों से छुटकारा कैसे पा सकते हैं और स्वस्थ जीवन
के 20 साल और कैसे बढ़ा सकते हैं।
- दिमाग की नसों में एंजियोडिस्टोनिया कितना खतरनाक होता है?
- लक्षणों पर ध्यान ना देने के क्या जोखिम हो सकते हैं?
- वेसोडाइलेटर (नसों को चौड़ा वाली दवाइयाँ) खराब क्यों होती हैं?
- रक्त की धमनियों, मोटापे, जोड़ों के स्वास्थ्य और मर्दानगी में क्या रिश्ता है?
- मैं खुद अपने रक्त प्रवाह को सामान्य करके धमनियों को मजबूत कैसे कर सकता हूं?
आपके इन प्रश्नों का उत्तर दिया है श्री राजेंद्र बब्बर ने जो मुंबई
मेडिकल अकैडमी में हेड ऑफ द डिपार्टमेंट ऑफ वैस्कुलर सर्जरी हैं। यह एक प्रोफेसर हैं,
एक न्यूरोसर्जन हैं और इंग्लैंड के सम्मानीय डॉक्टर रहे हैं।
श्री बब्बर को दुनिया के सबसे बेहतरीन न्यूरो सर्जनों में से एक माना
जाता है। उन्होंने कई ऐसी सर्जिकल तकनीकों को खोजा है जो दुनिया भर में उपयोग की
जाती हैं।
श्री बब्बर का मानना है कि भारत में औसत आयु को बढ़ाकर यूरोपियन देशों की
तरह 89-93 साल किया जा सकता है। यह तभी संभव है जब हम 40 साल की उम्र के नागरिकों को
अपने रक्त की धमनियों को सफाई करने का महत्व अच्छे से समझाएं।
दिमाग की नसों में एंजियोडिस्टोनिया कितना खतरनाक होता है?
- "बब्बर जी,लोगों को किन लक्षणों पर सबसे पहले ध्यान देना चाहिए?"
- "शुरुआत में तो दिमाग की नसों का एंजियोडिस्टोनिया कमज़ोर होता है। तब
लोग इसके लक्षणों पर ध्यान नहीं देते और लक्षण भी आते-जाते रहते हैं।
दिमाग में रक्त प्रवाह के विकारों के सबसे पहले लक्षण
होते हैं:
- बिना किसी कारण के आवाजें सुनाई देना
- धब्बे दिखाई देना
- उंगलियाँ और चेहरा सुन्न पड़ने का एहसास
- माथे और कलमों की जगह पर सर दर्द होना
- Sअचानक से दबाव बढ़ जाना (अचानक से शरीर की पोजीशन बदलने पर आंखों के सामने अंधेरा आ जाना)
- पैर और कलाइयाँ ठंडे पड़ जाना
धमनियों के खराब हो जाने से निम्नलिखित स्थाई दीर्घ बीमारियाँ विकसित हो
जाती हैं:
- उच्च रक्तचाप
- जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द होना, हाथ-पैरों में अकड़न आना
- टैकीकार्डिया या हृदय की गति अनियमित हो जाना
- वेरीकोज वेन और थ्रांबोसिस
- मर्दानगी कम हो जाना, प्रोस्टेट में वृद्धि
- मेटाबॉलिज्म धीमा पड़ जाना और वसा मेटाबॉलिज्म बिगड़ जाना
यह बीमारी इतनी जल्दी नहीं आती है लेकिन दिमाग में रक्त के प्रवाह में कमी
आ जाना शरीर के लिए बहुत घातक होता है। आगे चलकर इस बीमारी से लकवा जरूर होता है, लेकिन
इसके पहले यह कई सालों तक अपने मरीज को पीड़ा देती रहती है, शरीर के महत्वपूर्ण अंगों
के कार्यकलापों को धीरे-धीरे नष्ट करती है और कई तरह की अन्य बीमारियों को भी जन्म देती
है।.
यह सभी बीमारियाँ इसके दुष्प्रभाव हैं। रक्त की धमनियों के एथेरोसिलेरोसिस
के दुष्प्रभाव, धमनियों में कोलेस्ट्रोल की पपड़ी और रक्त के थक्का प्रदूषण। लेकिन ऐसे
कुछ ही लोग हैं जो अपनी रक्त की धमनियों को साफ करने पर ध्यान देते हैं, ज्यादातर लोग
कई सालों तक पीड़ा उठाते रहते हैं और अपनी बीमारियों के लिए बेकार की दवाइयाँ खाते जाते
हैं।”
- "हां, और दुर्भाग्य से हमारे देश के लोगों को रक्त की धमनियों को साफ करने के बारे में कोई बताता भी नहीं है।"
- "और इसमें इनकी कोई गलती नहीं है। 100 में से 99 भारतीय डॉक्टर
न्यूट्रास्यूटिकल्स के बारे में जानते ही नहीं है और उन्हें रक्त की धमनियों को साफ
करने के लिए इन्हें लिखने के बारे में जानकारी भी नहीं होती। अमेरिका, कनाडा, जापान और
यूरोप जैसे विकसित देशों में तो 11 साल से यह कानून है कि वहां 40 की उम्र के ऊपर के हर
नागरिक को 4 साल में एक बार न्यूट्रास्यूटिकल दिए जाएंगे। कुछ देशों में यह फ्री है,
कुछ देशों में इंश्योरेंस इसके पैसे देता है। लेकिन इन सभी देशों में सरकार ही इसे
नियंत्रित करती है।"
लक्षणों पर ध्यान ना देने के क्या जोखिम हो सकते हैं?
– "यदि आप रक्त की धमनियों के प्रदूषण के लक्षणों को नजरअंदाज करके सिर्फ सामने दिखने वाली बीमारियों का इलाज करेंगे तो क्या हो सकता है?
ऐसा करने से इलाज करने के बाद भी बीमारी बढ़ती ही चली जाएगी। जी हां, इन
बीमारियों को दवाइयों से केवल थोड़े समय के लिए दबाया जा सकता है, आप डॉक्टर के चक्कर
लगा सकते हैं लेकिन रोग जड़ से नहीं जाएगा।
और शरीर में जितना ज्यादा अपशिष्ट जमा होता जाएगा, परिणाम उतने ही गंभीर
हो सकते हैं।
जब दिमाग की नसें मध्यम स्तर पर प्रदूषित हो जाती हैं तो
निम्नलिखित लक्षण उभर सकते
- हैं: आंखों की नज़र चली जाना (मोतियाबिंद, रेटीना खराब या डिटैच हो जाना, क्रिस्टलाइन लेंस डिस्ट्रॉफी)
- सुनने की क्षमता कमज़ोर हो जाना (सुनाई कम देना है या पूरे बहरे हो जाना)
- थायराइड ग्रंथि के विकार
- ठीक से नींद ना आना, अनिद्रा
- काम करने में दिक्कत होना, कमज़ोरी, खून की कमी
- दिमाग की क्षमता पर असर पड़ना (अल्जाइमर डिजीज शुरू हो जाना)
नसों के प्रदूषण के गंभीर हो जाने पर कई बार आंशिक या पूर्ण लकवा भी होता
है।"
वेसोडाइलेटर खराब क्यों होते हैं?
- "क्या यह सच है कि वेसोडाइलेटर से जितना फायदा नहीं होता उतना नुकसान हो जाता है?"
— "हां यह सच है। वेसोडाइलेटर इमरजेंसी में उपयोग करने के लिए ठीक होती
हैं। इन के बार-बार उपयोग रक्त की धमनियों की दीवारों पर बहुत लोड पड़ता है।
रक्त की धमनियों में पहले ही कोलेस्ट्रोल की परतें जमीन होती हैं जो
एपीथिलियम की दीवारों को नुकसान पहुंचा कर उन्हें पतला कर देती हैं। और वेसोडाइलेटर
नसों को और खींचते हैं जिससे दीवारों पर बहुत खिंचाव पड़ता है। यदि रक्त की धमनी इस तरह
के दबाव को ना झेल पाए तो उनके फटने से लकवे का बहुत खतरा होता है।
इसलिए मैं यही सलाह दूंगा कि आपको को बहुत सावधानी से ही उपयोग करना चाहिए
और तभी लेना चाहिए जब इमरजेंसी केस हो।"
दिमाग की नसों, मोटापे, जोड़ों और मर्दानगी में क्या संबंध है?
- "दिमाग में रक्त के प्रवाह में गड़बड़ी होने पर ऐसा क्यों होता है कि अधिकतर औरतें मोटी हो जाती हैं, पुरुषों की मर्दांनगी चली जाती है और उन्हें प्रोस्टेटाइटिस हो जाता है, उनके जोड़ और रीढ़ की हड्डी कमज़ोर हो जाते हैं?
- "जब दिमाग की नसें पपड़ी जमने से बंद हो जाती है तो उन्हें कम पोषक तत्व
मिल पाते हैं। हर साल 40 की उम्र के बाद दिमाग को मिलने वाले पोषक तत्वों में 5% की कमी
आने लगती है।
इसलिए 50 की उम्र तक पहुंचने तक दिमाग का पोषण आधा हो जाता है।"
जब दिमाग को पर्याप्त पोषण नहीं मिलता तो वह क्या करता
है?
1. दिमाग यह सोचने लगता है कि शरीर को भूख लगी है जिससे हम ज्यादा खाने
लगते हैं।
लेकिन आप जितना भी खाएं, चोक हो चुकी रक्त की नसों से दिमाग तक पर्याप्त
पोषण पहुंच ही नहीं पाता। इतना खाना खाने से शरीर अतिरिक्त शुगर को वसा के रूप में
इकट्ठा करने लगता है।
2. इस अवस्था में दिमाग को यह लगता है कि शरीर मर रहा है और इसलिए वह
जिंदा बचने के लिए शरीर के "अनावश्यक" कार्यकलापों को निष्क्रिय कर देता है।
भूखे दिमाग को प्रजनन की आवश्यकता नहीं होती, इसलिए मर्दानगी और कामेच्छा
कम हो जाती है। पुरुष हार्मोन टेस्टोस्टेरोन कम हो जाता है। इससे प्रोस्टेट बड़ी होने
लगती है और प्रोस्टेटाइटिस हो जाता है।
वापस ठीक होने की प्रक्रिया में भी बहुत ऊर्जा लगती है और दिमाग इसे अच्छा
समय आने तक "निष्क्रिय" कर देता है। इससे जोड़ों के ऊतकों का पुनर्निर्माण बंद हो जाता
है: कार्टिलेज, हड्डियाँ और सिनोविन फ्लूड (जिससे जोड़ों में चिकनाई बनी रहती है) घट
जाते हैं। इससे आपको जोड़ों में दर्द होने लगता है और ओस्टियोकांड्रोसिस तथा आर्थराइटिस
हो जाते हैं।
लोग रक्त के प्रवाह को वापस ठीक कर कर रक्त धमनियों को मजबूत कैसे बना सकते हैं?
- "क्या लोग खुद ही अपनी रक्त की धमनियों की सफाई करके रक्त प्रवाह सामान्य कर सकते हैं?"
— "जी हां। ऐसा करना मुश्किल नहीं है लेकिन इसके लिए धैर्य और अनुशासन की
जरूरत होती है। लेकिन ऐसा जरूर करना चाहिए और इसके बहुत अच्छे लाभ होते हैं।"
नेशनल मेडिकल रिसर्च सेंटर ऑफ वैस्कुलर सर्जरी एंड कार्डियोलॉजी में
Cardioton नाम का एक अनोखा न्यूट्रास्यूटिकल उपाय डेवलप किया गया है। इंस्टिट्यूट के
विशेषज्ञों ने एक ऐसा नुस्खा बना लिया है जिसकी तरह का कोई दूसरा प्रोडक्ट मार्केट में
नहीं है। Cardioton पूरी तरह से सुरक्षित है, इसके कोई साइड इफेक्ट नहीं होते और इसे
बिना डॉक्टर की देखरेख में भी लिया जा सकता है।
Cardioton धमनियों में से सभी प्रकार के डिपॉजिट हटा देती
है:
- कोलेस्ट्रोल की पपड़ी
- रक्त के थक्के
- कैल्शियम लवण
Cardioton उपयोग करने के नतीजे:
रक्त का प्रवाह Cardioton लेने के डेढ़ महीने के अंदर 99.71% वापस ठीक हो जाता है। इससे रक्त का प्रवाह सिस्टमैटिक रूप से वापस आता है - सभी धमनियों में, शिराओं में और कैपिलरीज में।
Cardioton का एक घुलनशील प्रकार ही इसकी तकनीकी विशेषता है और हमारे
वैज्ञानिकों की खोज है।
Cardioton रक्त की धमनियों को साफ करके दिमाग में पोषण की सामान्य आपूर्ति
वापस ले आती है। इससे पूरे शरीर के कार्यकलापों के ठीक होने का सिलसिला चालू हो जाता
है।
Cardioton के शरीर पर क्या असर होते हैं?
- “Cardioton” 3 चरणों में काम करती है:
- 1. यह रक्त की धमनियों से डिपाजिट दूर कर देती है। यह एथेरोसिलेरोटिक पपड़ी, रक्त के थक्कों और हाई-कैलशियम लाइम को घोल देती है। इससे वैस्कुलर लुमेन 99.71% तक बढ़ जाता है और रक्त प्रवाह वापस ठीक हो जाता है।
- 2. यह खराब रक्त प्रवाह के परिणामों को ठीक करती है। इससे उच्च रक्तचाप, सरदर्द, वेरीकोज नसें, थ्रोंबोसिस, बवासीर और प्रोस्टेटाइटिस जैसी बीमारियाँ काफी हद तक या पूरी तरह ठीक हो जाती है। कान में बिना कारण के आवाज़ आना, चक्कर आना और सूजन गायब हो जाते हैं, नज़र पैनी हो जाती है और दिमाग की सोच भी साफ हो जाती है। वजन और वसा का मेटाबॉलिज्म भी सामान्य हो जाते हैं।
- 3. यह रक्त की धमनियों की दीवारों की मजबूती और लचक को बढ़ाती है। इससे नई पपड़ी नहीं जमती और लकवा लगने का जोखिम 11 गुना तक कम हो जाता है।"
- "Cardioton को कितनी बार और कितने समय तक लेना चाहिए?"
- " पुरुषों के लिए 40 साल और महिलाओं के लिए 45 साल से शुरू करके हर 5 से
7 साल में एक बार। इसका कोर्स सामान्य अवस्था में डेढ़ महीने और सर्कुलेटरी बीमारियों
के गंभीर लक्षणों की स्थिति में 2 महीने होता है।"
कमी और डिस्काउंट का प्रोग्राम
- Cardioton लगभग सभी दवा की दुकानों से गायब हो गई है। क्यों?
दुर्भाग्य से यह सच है। साल की शुरुआत से ही, Cardioton
को दवा की दुकानों पर सप्लाई नहीं किया जा रहा है।
दवा कंपनियों के लालच के कारण वे Cardioton बनाने वाली
कंपनी के हर बेचे गए पैकेट पर रु 2490 ₹ की मांग करती हैं! प्रोडक्ट के रेट पर
इतना मार्जिन जोड़ने के बाद (दिल्ली के कुछ क्लीनिकों में Cardioton
से इलाज 11,000 रुपए तक पहुँच जा रहा है ), दवा कंपनी वाले एक्सट्रा चार्ज भी
लगाना चाहते थे।
दवा कंपनियों के मैनेजर इस फीस को पूरा सही मानते थे क्योंकि इससे इनकी
दुकानदारी चलती रहती है। Cardioton एक ऐसी दवाई है जो मरीजों को
हर 7-10 साल में लेनी होती है। इससे भी अधिक, धमनियों को
Cardioton से साफ कर लेने के बाद मरीजों को दूसरी दवाओं की जरूरत नहीं पड़ती
जो उन्हें वैसे नियमित रूप से लेनी पड़ती है! लोग अपना ब्लड प्रेशर और जोड़ों के दर्द
के लिए पेनकिलर लेना बंद कर देते हैं। दमा और मधुमेह की दवाओं की खपत भी नाटकीय रूप से
कम हो जाती है। और इस सबसे दवा कंपनियों को बहुत नुकसान होता है। इसलिए इन लोगों ने Cardioton की इतनी अधिक कीमत रखी है।
इसलिए Cardioton को बनाने वाली कंपनी ने दवा की दुकानों
से अनुबंध तोड़ दिया और केवल ऑनलाइन सेल करने लगी। वास्तव में यह अच्छा ही है। इससे
उन्हें ना किराया देना पड़ता है, ना दवा की दुकानों को कमीशन देना पड़ता है। इस तरह Cardioton दवा की दुकानों पर बेचने की तुलना में आज ज्यादा लोगों की
पहुंच में है।
साफ धमनियाँं डिस्काउंट प्रोग्राम
4980₹
2490₹
हमारी संस्था ने मुंबई की यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन एंड फार्मेसी, भारतीय
डाक और Cardioton को बनाने वाल कंपनी के सान्निध्य में, एक
टेलीमेडिसिन प्रोजेक्ट के तहत (ऑनलाइन दवाएं), डिस्काउंट का एक प्रोग्राम शुरू किया है।
इस प्रोग्राम में हिस्सा लेने वाले सभी लोगों को Cardioton
एक स्पेशल रेट पर दी जाएगी जो 2490 ₹ तक ही होगा !
इस प्रोग्राम में हिस्सा लेने के लिए आपको और क्या चाहिए?
Cardioton को डिस्काउंट प्रोग्राम में ऑर्डर करने के लिए आपको निम्नलिखित
शर्तों का पालन करना होगा:
प्रोग्राम में Cardioton की शर्तें:
- आप Cardioton निजी उपयोग के लिए ही ऑर्डर कर सकते हैं ग्राहक और पाने वाला व्यक्ति एक ही होना चाहिए। यह इसलिए जरूरी है ताकि बिचौलिये Cardioton को खरीदकर जमाखोरी न करें और ज़्यादा रेट पर न बेचने लगें।
- प्रोग्राम के ऑफिशियल प्रोग्राम के जरिए ऑर्डर दें ऑर्डर के ऑफिशियल प्रोग्राम से उत्पादक की ओर से रेट की गारंटी होती है और आप बिचौलियों से बच जाते हैं
डिस्काउंट प्रोग्राम कब तक चलेगा?
जब तक Cardioton का स्टॉक खत्म नहीं हो जाता। मतलब करीब
3-4 हफ्ते। और टीवी तथा रेडियो पर कोई विज्ञापन नहीं होने के बाद भी ये इतनी जल्दी खत्म
हो जाती है। जो मरीज इससे ठीक हो जाते हैं वे इसके बारे में अपने दोस्तों और
रिश्तेदारों को बताते हैं। हमें भी यह बड़ा आश्चर्यजनक लगा कि Cardioton
का स्टॉक इतनी जल्दी खत्म हो जाता है। Cardioton पर डिस्काउंट
का आखिरी दिन है -
24.01.2025 मिलाकर
इसलिए मैं यही सलाह दूँगा कि आप Cardioton का ऑर्डर
जितनी जल्दी हो सके दे दें। प्रोग्राम इस साल दोबारा नहीं किया जाएगा।
रिव्यू